प्रिय मित्र स्कोर्पी के अनुरोध पर...
पुजारा ऐसा खेल रहा... जड़े शतक पे शतक...
चुनन को तैयार है, देय दरवाजे पे दस्तक...
देय दरवाजे पे दस्तक...बल्ला बोल रहा ऐसा...
'चीका' फौरन चयन करें, अब इंतजार कैसा...?
सौराष्ट्र के पूत का राष्ट्र मचाये शोर...
प्रदर्शन ऐसा करत रहा, फैली कीर्ति चहूँ ओर...
फैली कीर्ति चहूँ ओर...बजाओ डंका ऐसा...
'चीका' फौरन चयन करें, अब इंतजार कैसा...?
कहत पुजारा सुन भई साधू बात करुँ मैं खरी...
चयन कि चिंता नही, न रात कटे अखरी...
न रात कटे अखरी... समय मेरा भी आएगा...
लाख रोके जमाना पर रोक नही कोई पायेगा...
sorry guys...this is my first attempt at hindi prose...and however i tried to...for the english translation...i could not...the feel and rhythm was just not coming through...
caution:
more of hindi prose on pujara from our own 'kinka' to follow...
9 comments:
क्या ख़ूब कही आप ने, पंकज जी! बस, इंतज़ार अब चयन का ही है| हमें भी पूजरी के पूजरियों में शामिल कर लीजिए!
pujara ke pujariyo ke gang me abahu ham bhi shamil he Panji....bahit hi vadiya chand shabd kahe he pujara ke liye.....
wah wah!!
धन्यवाद् सौल्बेर्री जी,
इस 'पुजारी' प्रशंसक समुदाय के सबसे पहले संस्थापक तो आप ही हैं...
आपकी प्रशंसा ही हमारा मनोबल है...सैम जी...
'पुजारी' समुदाय में आपका हार्दिक स्वागत है...
पंकज,
बहूत खूब. 'काका' की लय में 'पुजारा' की जो आरती बनाई है, वाकई लाजबाव है.
पुजारा के प्रदर्शन जैसी ही ही आपकी लेखनी लगी.
एक पंक्ति आपके लिए:
अँग्रेज़ी लिखने वाले तूने कर दिया कमाल !
हिन्दी ऐसी लिख डाली दिल हो गया मालामाल!!
किंका जी,
मुझे डर था कि कहीं यह प्रयास हास्यास्पद न बन जाये...पर आपकी उन्मुक्त भाव से कि गयी प्रशंसा से दिल गदगद हो गया...बहुत बहुत धन्यवाद्...
Well said SP; you are a damn good hindi writer SP; why not write more often.
thank you very much AB...i will try from time to time...
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